पं. राधाकृष्ण श्रीमाली ज्योतिष, तंत्र, मंत्र और वास्तु के स्थापित हस्ताक्षर हैं। अनेक दशकों में आपने देश को सैकड़ों पुस्तकें दी हैं । आपकी रचनाओं और खोजों के चलते ही आपको दर्जनों बार सम्मानित किया जा चुका है। वे सिर्फ कर्मकांडी नहीं हैं, बल्कि अनुभववाद पर भी भरोसा करते हैं। ’ षोडशी एवं भुवनेश्वरी तांत्रिक साधनाएं’ का रहस्य उजागर करते हुए पं. श्रीमाली ने कई महत्वपूर्ण विषयों को प्रामाणिक ढंग से निरूपित किया है। उनका मत है कि वस्तु की सत्ता तभी तक है जब तक उसमें शक्ति प्रतिष्ठित है। शक्ति सत्ता में कल्याण भाव को प्राप्त होता पदार्थ ’शिव’ है । यह पुस्तक पं. श्रीमाली की खोज और अनुभव का सम्मिश्रण है। इसलिए यह पुस्तक संग्रहणीय तो है ही आध्यात्मिक यात्रा के लिए जरूरी भी है ।