काव्य संकलन ' अनुभूतियाँ ' के विषय में 'अनुभूतियाँ'--एक ताज़ा संकलन जिसमें कविताओं,ग़ज़लों, गीतों के रूप में जीवन का हर रंग छलकता है। भावनाओं का निर्झर, तो विचारों कादरिया भी। प्यार के निश्छल, अल्हड़,अरमान, तो घुप्प अँधेरों में डूबी रौशनी के निष्पाप बने रहने औरजन कल्याण हेतु सर्वत्र व्याप्त हो सकने की कामना भी। वर्त्तमान परिस्थितियों में बच्चों,किशोरों,युवाओं से परिवार और समाज की अपेक्षाएँ और इस प्रक्रिया की संघर्ष व्यथा। बेटियों का दर्द। गलियों में मँडराते खौफ और खतरों के साये। दुष्टों की फ़ौज़ और बेईमानों की मौज़। कार्यालयों का वातावरण। दाम्पत्य जीवन का अनुराग व वात्सल्य भरा संसार। साथ-साथ, हमारे वरिष्ठ रिश्तों यथा दादा-दादी,माता-पिता आदि की पीड़ा तथा पारिवारिक,सामाजिक,राजनैतिक मूल्यों की गिरावट का दर्द भी। भ्रष्टाचार,व्यभिचार,स्वार्थ,घृणा,कृतघ्नता,युद्ध सहित सियासी सनक के खिलाफ़ इज़हार और फटकार। तंज़ भी, व्यंग्य भी, आह्वान भी। कोरोना काल की चंद झलकियाँ .......विज्ञान और उसके विकास की लघुता भी ! धरती,आकाश,सूर्य...... ये समस्त पर्यावरण आराध्य हैं जिनकी उपेक्षाविध्वंसकारी है। इस सत्ता के समक्ष अक्सर हमारे ज्ञान और कथित विकास अधूरे,अहंकारपूर्ण और भटके प्रतीत होते हैं।